नवजात शिशु या छोटे बच्चों का रोना एक सामान्य और प्राकृतिक क्रिया है जिसका सामना हर माँ को करना पड़ता है। कभी कभी शिशुओं की रोने की आदत कुछ ज़्यादा ही गंभीर और लंबी चलने वाली प्रक्रिया बन जाती है और नए माता पिता के लिए उसे संभालना थोड़ा मुश्किल सा होने लगता है। कई बार इसके लिए माता पिता चिकित्सक की सलाह भी लेते हैं, लेकिन अगर बच्चे की भावनाओं को पहचानकर समझने की कोशिश करना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले घर में ही बच्चे को अपनी निगरानी में रखकर समाधान की कोशिश करना बेहतर होगा, इसके बाद अगर आप सफल नहीं होते तो आपको अपने चिकित्सक की सलाह ज़रूर लेनी चाहिए।
शिशुओं के रोने की वजह, नवजात बच्चों का रोना कैसे चुप कराएं? (Why won’t my baby stop crying? Reasons behind baby crying)
बच्चा क्यों परेशान या विचलित रहता है? (Why baby is so fussy? or bacche kyu rote hai?)
कुछ समय के अंतराल में या किसी एक खास समय के दौरान बच्चों का रोना स्वाभाविक है इसके कुछ छोटे छोटे कारण हो सकते हैं, इसके अलावा अगर शिशु को सांस लेने में तकलीफ हो रही हो या उसे बुखार, डायरिया या उल्टी आदि की समस्या हो रही हो तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना बेहतर होता है।
भूख की वजह से रोते हैं बच्चे (Crying baby reasons to be hunger ho sakta babies ke rone ka karan)
बच्चे के रोने, हो सकता है की आपका शिशु भूखा हो और उसे काफी देर से भूख लगी हो। बच्चे भूख लगने की वजह से भी रोते हैं। अगर आपको ऐसा लग रहा है की आपका बेबी भूखा है तो उसे स्तनपान कराएं, अगर इससे उसका रोना शांत हो जाता है तो निश्चित हो जाएँ कि बेबी के रोने की वजह भूख लगना थी। अगर स्तनपान कराने के बाद बच्चा शांत हो जाता है तो वह लंबे समय तक आपको परेशान नहीं करेगा।
रोने की वजह थकान (Due To tiredness, How to soothe a crying infant)
शिशुओं को भी थकान का सामना करना पड़ता है, रोने या ज़्यादा खेलने की वजह से उन्हें थकान का अनुभव होता है। ये हल्के परिश्रम उन्हें थकान और चिड़चिड़ाहट प्रदान कर सकते हैं जिसकी वजह से नवजात बच्चे रोते हैं। इसका केवल एक ही उपाय है, नींद। शिशु को शांत जगह पर अपनी प्यार भरी थपकी से सुलाने की कोशिश करें। नींद पूरी हो जाने पर वह वापस सामान्य महसूस करने लगेगा।
गीले डायपर के कारण रोते हैं बच्चे (Ways to make baby stop crying, change the diaper se rote bache ko chup karane)
अगर बच्चे को गीले डायपर की वजह से तकलीफ हो रही हो तो वह उसे किसी भी तरह से संकेतों के माध्यम से आपको बताने का प्रयास ज़रूर करता है, उनके इन संकेतों को ध्यान से समझने की कोशिश करें। अगर गीले डायपर की वजह से त्वचा पर रेश या अन्य कोई समस्या दिखाई दे रही हो तो उसका इलाज भी करें। अगर संभव हो तो बेबी को कुछ समय के लिए डायपर के बिना रहने दें।
नवजात शिशु के रोने का कारण गोद की चाह भी (How to make a toddler stop crying by held him/her)
नवजात शिशु को अपने माता पिता का स्पर्श भावनात्मक सुरक्षा का एहसास दिलाता है। वे अपने माता-पिता का चेहरा देखना पसंद करते हैं। उनकी आवाज़ और उनके हृदय की धड़कन सुनना पसंद करते हैं और साथ ही वे सबके शरीर की अलग अलग तरह की गंध को भी पहचानने की क्षमता रखते हैं, उनके अनुसार रोने का मतलब हो सकता है कि वो खुद को आपके करीब और आपकी गोद में रहना चाहते हों। अगर आपका बच्चा आपकी गोद में जाने के लिए रो रहा है और गोद में लेने पर उसके रोने में कमी आती है तो समझ लें की उसको आपके स्पर्श की ज़रूरत है। शिशु को गोद में लेकर हल्के हल्के झुलाएँ और उनके पीठ पर हल्की थपकी दें।
बच्चों का रोना, डकार से शिशु को बेहतर महसूस कराएं (How to sooth a baby, need to burp)
वैसे तो स्तनपान के बाद हर बार डकार ज़रूरी नहीं है, पर आपका बच्चा अगर दूध पीने के बाद रोता है तो समझ लें उसे एक अच्छी डकार की ज़रूरत है। बच्चे जब स्तनपान करते हैं या बोतल से दूध चूसते समय हवा भी साथ ले लेते हैं। अगर ये हवा बाहर ना निकले तो असुविधाजनक हो सकती है, कुछ बच्चे बुरी तरह पेट में गैस की वजह से परेशान होते हैं। दूध पिलाने के बाद शिशु की पीठ थपथपाएँ और पीठ पर हल्के दबाव से अपनी हथेली नीचे की ओर ले जाते हुये रगड़ें, इससे उसके पेट का फूलापन कम होगा और गैस बाहर निकल जाएगी।
कब कब रोते हैं बच्चे, अधिक सर्दी या गर्मी की वजह से रोते हैं बच्चे (How to deal with a crying child, Too cold or too hot)
कई बार माता पिता समझ नहीं पाते की बच्चे को क्या असुविधा हो रही है। हो सकता है की शिशु को ज़्यादा ठंड या गर्मी लग रही हो जिसे आप समझ न पा रहे हों। अक्सर लंबे समय तक एक ही डायपर इस्तेमाल करने की वजह से शिशु को गीले डायपर या नैपकिन में ठंड का अनुभव होता है, जिससे वह रोना शुरू कर देते हैं, इसके अलावा कभी कभी माँ बच्चे को ठंड से बचाने के लिए बहुत ज़्यादा गरम कपड़े पहना देती हैं, यह भी एक वजह है जिसके कारण बच्चे रोना शुरू कर देते हैं।
नवजात का रोना, अच्छा महसूस न करने के कारण (How to soothe a crying baby due to feel not well)
अपने नवजात शिशु के रोने बदलते हुये हाव भाव को पहचानने की कोशिश करें। शिशुओं के रोने के अलग अलग तरीके हो सकते हैं, उनकी आवाज में होता परिवर्तन उनकी किसी भी तरह की तकलीफ का संकेत होता है। हो सकता है कि शिशु के रोने का स्वर ज़्यादा ऊंचा हो या सामान्य से ज़्यादा अवधि का हो। शिशु की आवाज के थकान या अति उत्साह भी उनसे जुड़ी किसी समस्या का संकेत होता है, इन्हें पहचान कर शिशु की तकलीफ को दूर करने का प्रयास करें।
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